World Human Rights Organization
मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के समक्ष समानता का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार आदि नागरिक और राजनीतिक अधिकार भी सम्मिलित हैं।
इंसान के तौर पर धरती पर आने के साथ ही हमारे कुछ अधिकार भी वजूद में आ जाते हैं। ये वे अधिकार होते हैं जो अस्तित्व की गारंटी के साथ हमारे चहुंमुखी विकास का भी सबब होते हैं। दुनिया में पूरे आत्मसम्मान से रहने व अपनी भौतिक व आत्मिक सुरक्षा बरकरार रखते हुए लगातार तरक्की में इन कारकों की अपनी भूमिका होती है। यही कारण है कि आज दुनिया की ज्यादतार सरकारें इस अधिकार को बरक्कत देने में लगी है। हर स्तर पर चाहें वो संविधान हो या नीति निर्माण इन अधिकारों का प्रावधान जरूर किया जाता है। इसकेअंतर्गत भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, शोषण से रक्षा का अधिकार, प्रवास का अधिकार, बाल शोषण, उत्पीडन पर रोक, महिला हिंसा, असमानता, धार्मिक हिंसा पर रोक जैसे कई मजबूत कानून बनाए गए हैं। खुद भारतीय संविधान में अनुच्छेद 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 23, 24, 39, 43, 45 देश में मानवाधिक ारों की सशक्त पैरवी करते नजर आते हैं। यही नहीं देश में कायम मनावाधिकार आयोग समेत कई सरकारी, गैर सरकारी आयोग भी इस दिशा में कार्यरत हैं।
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