World Human Rights Organization
ऐसा व्यक्ति जो चल नहीं सकता, हर वक्त किसी की मदद चाहिए, एक व्हील चेयर मिलते ही उसे कितनी आसानी होती है, ये अंदाजा वो खुद ही लगा सकता है, मै या आप नहीं। हां, हमें कोशिश तो करनी चाहिए। ईश्वर ने उन्हें जो शरीर दिया है, उससे होने वाली मुश्किलें इन दिव्यांग भाई बहनो से ज्यादा कौन जानता है। जब सेवा को ही जीवन समर्पित किया है तो ये काम मै करता ही रहूंगा, मेरे कुछ दोस्त इसमें बहुत साथ देते है। उनमें से एक सौमेश चौधरी तो कभी फोटो तक मे नहीं आते। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक जी, बीएसएफ के पूर्व डीआईजी प्रेम चौहान, यूरोप हेड विजय मलिक, समाजसेवी पी शर्मा आदि मित्रो ने भी इन दिव्यांग साथियो के लिए समय निकाला, वर्ल्ड ह्यूमन राइटस की तारीफ की हौंसला बढाया। नतीजा ये कि दो महीने बाद फिर से नये दिव्यांग साथियों के लिए व्हील चेयर्स देने का सौभाग्य मिल गया। अब सारा दिन इसी संगठन के लिए जाता है, देश विदेश से साथी जुडने का आग्रह करते हैं। सच ये है कि जीने का एक अच्छा मकसद मिल गया है, इसी पर आगे बढना है, आप साथ दो, जरुरी नहीं कि धन से साथ दो, आपकी शुभकामनाएं ही बहुत हैं।
योगराज शर्मा, चेयरमैन
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